माँ के धाम भगता दौड़ दाड़

रिश्ते नाते मोह माया सब छोड़ छाड़ के
आजा वैष्णो माँ के धाम भगता दौड़ दाड़ के,
आ दर पे वैष्णो माँ के सब का भाग खुले ,
याहा आके जन्मो के सारे पाप धुले
मैया के दर पे आके चरणों में सिर को जुका के
माफ़ी मांग ले फूलो की हाथ जोड़ जाड के,
लाख चौरासी के फंदे सब तोड़ ताड़ के
आजा वैष्णो माँ के धाम भगता दौड़ दाड़

जो भी दुखिया है आया खुश हाल हो गया
जो भी निर्धन याहा आया मालामाल हो गया,
ये दुनिया भीड़ भड़का क्यों खाये इस में धक्का
यो भी पाया दर्शन वो निहाल हो गया,
चढ़ते जाओ जी चढ़ाई नॉन स्टॉप चलो ,
वैष्णो देवी का जपते नाम चलो.
हा दर की छू ले हाइट तेरी बन जायेगी लाइफ,
माता रानी के जैकारे ऊंचे बोलबाल के,
नाम जपो रे मैया का सच्चे भाव से
आजा वैष्णो माँ के धाम भगता दौड़ दाड़

वैष्णो माँ के भवन में चमत्कार होता है
सीधी चढ़ने वाला भव से पार होता है,
याहा जो भी आये सवाली  ना जाए कभी वो खाली,
सच्ची श्रद्धा वाला दर्शन का हकदार होता है ,
सच्चे भगतो को माता इन्विते करे
सब का फ्यूचर देखे दर्श माँ ब्राइट करे ,
जो भी जय माता की बोलै माँ ने उसका नसीबा खोला,
तू न भगति में करना झोल झाल रे,
माता किरपा करेगी तुझपे छप्पर फाड़ के,
आजा वैष्णो माँ के धाम भगता दौड़ दाड़
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