इंडिया का राजा मेरा संवारा खाटू में लगाया दरबार है,
सज के है बैठा देखो देख बन के सब से बड़ा वो दातार है
वो सदा ही अपने भगतो की परवाह करता है हारने वाले वो निगाह रखता है
श्याम धनि के द्वार जो भी चल के आया है उसके सिर पे रहमत की हर छाव करता है
सब ने मेरे श्याम की दतारी देखि है सब ने बाबा जी की जिमेदारी देखि है
मेरे श्याम जैसा नही कोई और दूसरा बाबा मेरा ऐसा दिलदार है
सज के है बैठा देखो देख बन के सब से बड़ा वो दातार है
जिसे भरोसा श्याम का वो हार नही सकता कोई गम उस बंदे को मार नही सकता,
जिसको भी लग गई है लट मेरे श्याम बाबा की किसी और की वो बन्दा परवाह नही करता
खाटू वाला पल पल उसका साथ निभाता है जीवन के हर मोड़ पे उसको राह दिखाता है
सीधे मिलता है भगतो से संवारा संवारे की सची सरकार है
सज के है बैठा देखो देख बन के सब से बड़ा वो दातार है