मेरे सांवरे की ये दया का असर है,
यहा देखता हु ये आता नजर है,
मेरे सांवरे की ये दया का असर है,
नजर मत तू लगा श्री मेरी बन गई है,
नजर में छवि श्याम की बस गई है,
कभी घुमु गोकुल कभी वृन्दावन वे,
हज़ारो नजारे मेरे आज मन में,
मेरा मन मुझे से हुआ बेखबर है,
मेरे सांवरे की ये दया का असर है
कभी मटकियों से वो माखन चुराना,
कभी कुञ्ज गलियों में रास रचाना,
वो छुप छुप के राधा रानी कहलाना,
बताऊ क्या मंजर हसी है सुहाना,
बगल राधे रानी बंसी आधर है
मेरे सांवरे की ये दया का असर है
मुझे मिल गया है,
कृष्ण मुरारी नजर से नजर की हुई बात सारी,
वसी मन के अंदर हसी श्याम सूरत,
नहीं है किसी की मुझे अब जरुरत,
हुआ धन्य शर्मा करि जो मेहर है,
मेरे सांवरे की ये दया का असर है