तेरी कैसी मुझसे यारी तू दाता मैं भिखारी
बनवारी गिरधारी ओ मुरारी सुखकारी
आंधियां ही हर तरफ हैं मेरे सर पे छत नहीं है
तूफ़ान का सिलसिला है दीवारों दर नहीं है
तू आजा आड़ बांके तुझे ही लाज़मी है
अब तेरा आसरा है मेरी देखो ये लाचारी
मेरे दाता गिरधारी .................
नरसी की लाज राखी नानीबाई की शान बढ़ाई
कर्मा की ज़िद उठाई मेरी क्यों ना हुई सुनवाई
वो सुदामा था यार तेरा कब आएगी मेरी बारी
कहीं देर ना हो जाये दुनिया से मैं तो हारी
तेरी कैसी मुझसे यारी तू दाता मैं भिखारी
बनवारी गिरधारी ओ मुरारी सुखकारी