सुनलो बाबा श्याम अब तो निभानी पड़ेगी
शरण पड़े की लाज अब तो निभानी पड़ेगी
दीं दयाल हैं नाम तुम्हारो
पल में संकट काटन हारो
भक्तों के सरताज अब तो निभानी पड़ेगी
शरण पड़े की लाज अब तो निभानी पड़ेगी
सुनलो बाबा श्याम................
द्वार तेरे का बना भिखारी
माधव मोहन मदन मुरारी
भर दो झोली आज अब तो निभानी पड़ेगी
शरण पड़े की लाज अब तो निभानी पड़ेगी
सुनलो बाबा श्याम................
हारे का तुम साथ निभाते
दीं हीं को गले लगाते
देर करी क्यों आज अब तो निभानी पड़ेगी
शरण पड़े की लाज अब तो निभानी पड़ेगी
सुनलो बाबा श्याम................
अरज मेरी सुनकर प्रभु आओ
त्यागो ना जल्दी अपनाओ
पूरण करदो काज अब तो निभानी पड़ेगी
शरण पड़े की लाज अब तो निभानी पड़ेगी
सुनलो बाबा श्याम................
मातृदुत्त को ह्रदय लगाओ
पाप कपट से मुझे छुड़ाओ
दर्शन दो घनश्याम अब तो निभानी पड़ेगी
शरण पड़े की लाज अब तो निभानी पड़ेगी
सुनलो बाबा श्याम................