तेरी पूजा कलयुग में

तेरी पूजा कलयुग में घर घर होगी शीश के दानी,
गूंज रही तीनो लोको में आज भी कृष्ण की वाणी,
तेरी पूजा कलयुग में घर घर होगी शीश के दानी

जो इस जग में सब कुछ हारा,
उसका बनेगा तू ही सहारा,
तेरी किरपा जिस पर भी होगी,
बदलेगी ज़िंदगानी,
तेरी पूजा कलयुग में घर घर होगी शीश के दानी

जो भी भी भरोसा तुझपे करेगा,
उसकी तो चिंता तू ही करेगा,
पार हो नैया जिसकी तूने डोर हाथ में थामी,
तेरी पूजा कलयुग में घर घर होगी शीश के दानी

एहसान तेरे कैसे भुलाऊ कर्ज है इतने कैसे चुकाऊ,
अमन बागड़ा यु ही सुनाये सबको तेरी कहानी,
तेरी पूजा कलयुग में घर घर होगी शीश के दानी
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