बैठ्यो मंद मंद मुस्कावे महारा सांवरिया सरकार खाटू नगरी में,
सज धज बनडो सो लागे है म्हारे लख दातार खाटू नगरी में
बैठ्यो मंद मंद मुस्कावे महारा लखदातार
खूब गजब शिंगार हुए है खाटू वाले श्याम को,
रंग बिरंगा फुला मेहके इतर ऋ बोछार खाटू नगरी में
बैठ्यो मंद मंद मुस्कावे महारा लखदातार
अरे घुंगर आला बाल है जाप मोर मुकट की शोबा जी
माथे पे केसर को टीको मार रहियो लिशकार खाटू नगरी में,
बैठ्यो मंद मंद मुस्कावे महारा लखदातार
पेर घुमेर है पेहरे बाबा सतरंगी म्हारा रंग रसिया
श्याम धनी हॉवे शुशोबित गल मोतियन हार खाटू नगरी में
बैठ्यो मंद मंद मुस्कावे महारा लखदातार
इतनो सोनो लगे कदे न जितनो लगता आज जी
धन्य भयो कुंदन अकेला कर पावन दीदार खाटू नगरी में
बैठ्यो मंद मंद मुस्कावे महारा लखदातार