मेरे शीश के दानी

मेरे शीश के दानी होना कभी मुझसे दूर,
हारे के सहारे होना कभी मुझसे दूर....

तेरा भगत बाबा तुझको पुकारे,
लीले चढ़ आजा मेरे हारे के सहारे,
कर दो मेरे भी दुखड़े दूर,
मेरे शीश के दानी.......

ग्यारस की ग्यारस बाबा दर तेरे आऊं,
मेवे मिश्री का बाबा भोग लगाऊं,
मुझको खाटू बुलाना जरूर,
मेरे शीश के दानी.......

जब जब भी इस दुनिया में आऊं,
सेठी की है आस श्याम प्रेमी कहलाऊँ,
मेरी विनती करो मंजूर,
मेरे शीश के दानी.......
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