शरणागत की शाम है बाबा लाज बचाओ जी,
थारी मोर छड़ी लहराओ जी,
मजधार में बाबा अटकी पड़ी नैया बेडो पार करो,
लाखा को प्यारो हो बेटे ने भूलियो क्यों प्रभु उपकार करो,
अटकियो की आके राह दिखो जी,
थारी मोर छड़ी लहराओ जी,
पर साँस बंद है तकदीर को तारा,
दयालु खोल देयो,
चरना में बिठा करके बोल मीठा सा मुख से बोल दियो,
टाबरिया के श्याम सिर पे हाथ फिराओ जी,
थारी मोर छड़ी लहराओ जी.....
हालत को मारियो दुखारा सबे हरियो,
मेरा उधार करो,थारो सहरो है थारे हर्ष ने बाबा गनी सवीकार करो,
हारो की आके श्याम आके जीत करो जी ,
थारी मोर छड़ी लहराओ जी