शिर्डी वाले बाबा मेरी बिगड़ी बना दे
जन्मो का भूखा मेरी भूख मिटा दे,
जन्मो का प्यासा मेरी प्यास बुजा दे
श्रधा की रोटी खिला दे सबुरी वाला पान भी खिला दे
रुखी सुखी कुछ भी खिला दे
उधि का जादू उस में मिला दे,
रूह भी नाचे मेरी आज सबुरी वाला पानी पिला दे
सारे जगत का पालन हारा,
भूखे प्यासों का है साहारा
पीस राहा है चकियाँ सबुरी वाला पानी पिला दे
कलयुग में है साईं आया
शरदा सबुरी का पाठ सिखाया
कैसे करू मैं गुणगान सबुरी वाला पानी पिला दे
शिर्डी वाले बाबा मेरी बिगड़ी बना दे
जन्मो का भूखा मेरी भूख मिटा दे,
जन्मो का प्यासा मेरी प्यास बुजा दे
श्रधा की रोटी खिला दे सबुरी वाला पान भी खिला दे