छीन लिया मेरा भोला सा मन,
राधा रमण, प्यारो राधा रमण,
छीन लिया मेरा भोला सा मन,
राधा रमण, प्यारो राधा रमण,
गोकुल का ग्वाला, ब्रज का बसैया,
सखियों का मोहन, माँ का कन्हैया,
भक्तो का जीवन, निर्धन का धन,
राधा रमण, प्यारो राधा रमण
छीन लिया मेरा भोला सा मन,
राधा रमण, प्यारो राधा रमण,
यमुना के जल में वही श्याम खेले,
लहरों में उछले और मारे धनेरे
बिछुङन कभी होवे मोहन मिलन,
राधा रमण, प्यारो राधा रमण,
छीन लिया मेरा भोला सा मन,
राधा रमण प्यारो राधा रमण
जा कर के देखा मंदिर के अंदर,
बैठा वाही बाबा वो श्याम सुन्दर,
कुंडल वरन और तिरछी चलन,
राधा रमण, प्यारो राधा रमण
छीन लिया मेरा भोला सा मन॥
राधा रमण, प्यारो राधा रमण॥