क्यों धीरज खोये जाती है वह आयेंगे आयेंगे,
आशा रख पगली वो आयेंगे,
हरी आयेंगे हरी आयेंगे,
आशा रख पगली वो आयेंगे,
हर अदा निराली शान लिए,
अंदाज भरी पहचान लिए,
कुछ सुंदरता का मान लिए,
तेरी नखरो के तूफ़ान लिए,
हस्ते हस्ते दिल छीने गे,
भूली हुई याद दिलाएंगे,
आशा रख पगली वो आयेंगे.....
मैया होगी लोरी होगी,
माखन होगा चोरी होगी,
कारे होंगे गोरी होगी,
छीना झपटी जोरि होगी,
गलियों में माखन बिखरे गा,
मेरे ग्वाले मौज मनाये गे,
हरी आयेंगे हरी आयेंगे,
आशा रख पगली वो आयेंगे,
मटकी लुढ़काई जाए गी,
चुनरी छिटकाई जाएगी,
सब लोक लाज बह जायेगी,
फिर ग्वालिन दांत दिखाई गी,
मुरली की मीठी तनो से मनमोहन उन्हें मनाये गे,
आशा रख पगली वो आयेंगे,
हरी आयेंगे हरी आयेंगे,
एक दिन ऐसा अवसर होगा,
मेरा साजन घर पर होगा,
विरहा का एहि असर होगा,
प्यारे का प्यार अमर होगा,
मैं हरी चरणों से लिपटु गी,
छाती से मुझे लगाए गे,
हरी आयेंगे हरी आयेंगे,
आशा रख पगली वो आयेंगे,