जाविदां हिन्दुस्तान

अरमानो के दीये जलाने माती की हम पूजा करने
जिस धरती पे जन्म लिया है उस धरती का सजदा करने
उस के ही गुण गाने आये है
जाविदां हिन्दुस्तान हिंदुस्तान हिन्दुस्तान हम कुरबान

हर म्ह्जब है जिसको प्यारा जिसने सब को गले लगाया
जो भी आया उसे न भाला दिल में रख कर उसे वसाया
गंगा यमुना धरा जिस की अमन चैन से बेहती बेहती,
रंग बिरंगे फूलो का गुलशन केसरिया है इसका तन मन
उसी वतन की शान बडाने आये है
जाविदां हिन्दुस्तान हिंदुस्तान हिन्दुस्तान हम कुरबान

नही किसी के दुश्मन हम है नही किसी से लेकिन कम है
अधर प्रेम का प्याला हम है उधर आग की ज्वाला हम है
वतन परस्ती अपना जज्बा वतन पे मरना अपना रुतबा
जररा जररा अपनी दोलत ये धरती है भागे उल्फत
तरे हिन्द पे हीज चडाने आये है
जाविदां हिन्दुस्तान हिंदुस्तान हिन्दुस्तान हम कुरबान
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