मर्द सुरमा बीर कमेरी

मर्द सुरमा बीर कमेरी,
रागनियों का गाना हाँ,
देश धर्म जीते जान से प्यारा बालक हो या सायना,
लम्बे तगड़े छेल गाबरू सीधा साधा बाणा हां,
बाप की पगड़ी का छोरी जीते जाने मान बढ़ाना,
देश में देश रे भारत, भारत में हरयाणा,
देश में देश रे भारत, भारत में हरयाणा हरयाणा…

हम दूध में पावे छोटी रे थोड़ी इश्क़ में बुद्धि मोती रे,
म्हारे छोरे मन के मोजी रे,
कोई जमींदार, कोई फौजी रे,
कोई जमींदार, कोई फौजी रे,
यड छोरी तगड़ी दंगल में म्हारे इज्जत और बढ़ादे है,
पंचयतो में सारे फैसले बूढ़े ही सुलझा दे है,
म्हारे बोली थोड़ी ठाड़ू से,
म्हारे बोली थोड़ी ठाड़ू से,
रे तू मत ना नास फुलाना,
देश में देश रे भारत, भारत में हरयाणा,
देश में देश रे भारत, भारत में हरयाणा....

म्हारे होली फ़ाग निराले रे,
करे देवर भाभी चले रे,
यड घणे रंगीले ब्याह शादी थोड़े जीजा साली अल बाजी,
मीठे गीत लुगायिओं के जानो कोयल बोले डाली पे,
कतई डी जे को लोड नहीं और वीर नाचले ताली पे,
एक खासी पे घूँघट हो जा,
एक खासी पे घूँघट हो जा,
इसा अड़े शर्माना हाँ,
देश में देश रे भारत, भारत में हरयाणा,
देश में देश रे भारत, भारत में हरयाणा.....

म्हारे छोरी मैडल लावे रे,
छोरे देश पे जान लुटावे है,
ना रोवे बाप शहीदी पे के रख दू ऐसे जिद्दी पे,
सलूट करे फौजन जब पिया ओढ़ तिरंगा आवे है,
म्हारे दूघ वाली माँ, धरती माँ ने अपनी बाहण बतावे है,
भगत सिंह अरे घर-घर पावे वीरो का यो से ठिकाणा है,
गगन जे हूडा चावे से रे जन्म-जन्म यड आना,
देश में देश रे भारत, भारत में हरयाणा,
देश में देश रे भारत, भारत में हरयाणा.....
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