मैं तो रंगी श्याम के रंग में ढल गई उस छलिया के ढंग में
मैं तो भरी हु पूरी उमंग में रास रचाओ श्याम के संग में
आज रोके न कोई मैं यु ही नाचू गी
बाँध पाओ मैं घुंगरू मैं छम छम नाचू गी
सारे जग में होगा शोर मेरा प्यारा है माखन चोर
ना है डर अब मुझको किसी का मेरा यार है वो चित चोर
मैं तो सांवरिया के हां में हां राखु गी
बाँध पाओ मैं घुंगरू मैं छम छम नाचू गी
मेरा दिलदार है श्याम मैं तो भूल गई सब काम
मैं तो हो गई हु श्याम की चाहे जो भी हो अंजाम
चुनरी ओडू श्याम की मैं किसी की न मानु गी
बाँध पाओ मैं घुंगरू मैं छम छम नाचू गी
मेरे श्याम अब मेरा प्यार मेरे वो ही तो संसार
उसके नाम का ही करती मैं तो प्यार भरा शिंगार
अपने प्यारे की बात कदे न नाटू गी
बाँध पाओ मैं घुंगरू मैं छम छम नाचू गी