मेहंदीपुर में चालो भगतो बाला जी दरबार में
क्यों बैठे सोच विचार में
बाबा के अजब नजारे जी किस्मत के बदले सितारे
जी तेरे कर दे वारे न्यारे जी कोई दूजा न संसार में
क्यों बैठे सोच विचार में
मेहंदीपुर में चालो भगतो बाला जी दरबार में
बाबा सब के संकट काटे से और झोली भर भर बांटे से
जो नही किसी ने नाटे से कोई कमी नही भंडार में
क्यों बैठे सोच विचार में
मेहंदीपुर में चालो भगतो बाला जी दरबार में
ये भीम सेन का है केहना भगती मानव का हो गेहना,
बाबा की शरण में ही रेहना कदे छोड़ न मझधार में
क्यों बैठे सोच विचार में
मेहंदीपुर में चालो भगतो बाला जी दरबार में