राम दुलारे हनुमत प्यारे मन की ज्योत जगाते है

राम दुलारे हनुमत प्यारे मन की ज्योत जगाते है,
भगति हम को सिखलाने वे सवयं भगत बन जाते है,
राम दुलारे हनुमत प्यारे मन की ज्योत जगाते है,

अंजनी पुत्र ये बोले हमसे भगति में शक्ति भर ले,
बिना स्वाथ जो करे ध्यान जग में कभी न तू डोले,
राम के हाथ जो पत्थर डूबा हनुमत उसे तराते है,
राम नाम की शक्ति को भगति से अपनी बढ़ाते है,
राम दुलारे हनुमत प्यारे मन की ज्योत जगाते है,

सेवा मन से ऐसी करो शंका न कोई पास रहे,
रावण मन का जले तब ही जब हनुमत साथ रहे,
राम के मुख से निकले जो भी हनुमत उसे निभाते है,
ऐसी भगति देख राम खुद जय हनुमान गाते है,
राम दुलारे हनुमत प्यारे मन की ज्योत जगाते है,

निशल प्रेम से जो भी भगत अपने प्रभु को याद करे,
राम भगत बजरगं बलि निज उसके कष्टों को दूर करे,
एहंकार से दूर बहुत बस राम नाम गुण गाते है,
हनुमान का नाम सभी श्री राम के साथ बुलाते है,
राम दुलारे हनुमत प्यारे मन की ज्योत जगाते है,
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