त्रेता में माँ कोश्यला द्वापर में यशोदा माता
कलयुग में माँ इश्वर्म माँ सत्य साईं की माता
जन्म जन्म का नाता माँ से
भव सागर में नव महीने रहे सीप से जन्मा मोती
सत्य धर्म और शान्ति प्रेम की जागी जग में ज्योति,
राम कृष्ण के बाद मिला है फिर से एक विध्याता
कलयुग में माँ इश्वर्म माँ सत्य साईं की माता
जन्म जन्म का नाता माँ से
बचपन से ही माँ को सारे चमत्कार दिखलाए
खेल खेल में सत्ये साईं ने विपद रूप दरशाए
चोदावरसो तक अम्मा का आंगन रहा सजाता
कलयुग में माँ इश्वर्म माँ सत्य साईं की माता
जन्म जन्म का नाता माँ से
राम कृष्ण की तरह साईं ने माँ को ये बतलाया
सेवा और उपकार की खातिर मैं इस जग में आया
अंत समय में माँ ने स्वामी केह कर माना दाता
कलयुग में माँ इश्वर्म माँ सत्य साईं की माता
जन्म जन्म का नाता माँ से