बड़े भाग से आई घडी मन नाचता छम छम छम छम
सांवरे का स्वागत सत्कार करो रे
भाव से भजनों से मनोहार करो रे
हाथो से अपने घर को संवारा,
गंगा के जल से आंगन बुहारा
चोकठ में लगाई बंधन वार
लुन राई मिल के इक बार करो रे
भाव से भजनों से मनोहार करो रे
भगतो के संगत में उत्सव मनाया
प्रेमी जनों को हम ने भुलाया
रेह न जाए कोई कसर मंगल घडी में मंगला चार करो रे
भाव से भजनों से मनोहार करो रे
अच्छे कर्म कुछ है काम आये दुनिया के मालिक घर मेरे आये,
श्याम ने सुन लो मेरी पुकार
संवारे का मोहित आभार करो रे
भाव से भजनों से मनोहार करो रे