देवों में देव निराला बाबा ये खाटू वाला
भक्तों की सुनता पुकार दानी बड़े ही दातार
लेकर उम्मीदे तू भी खाटू दरबार आए
खुशियों से वो तो अपनी झोलियाँ भर ले जाए
बाबा की कृपा से वो जीवन भर मौज उड़ाए
दानी दयालु दाता भक्तों के भाग्य विधाता
महिमा है इनकी अपार दानी बड़े ही दातार
खाटू के जैसा कोई दूजा दरबार नहीं
जो भी मांगो ये बाबा करता इनकार नहीं
नकदा नकदी देता है रखता उधर नहीं
सेठो का सेठ है मोटा रखता है सबका कोटा
श्याम ही सच्चा साहूकार दानी बड़े ही दातार
बाबा के प्यार की दौलत जिसको भी मिल जाती है
घटने का नाम नहीं है घटती ही ये जाती है
खुशिया ही खुशिया घर में किस्मत बदल जाती है
कहता है भीम सैन जी दिल को मिलता है चैन जी
श्याम से करता जो भी प्यार दानी बड़े ही दातार