है तीनो लोको में हो रही माँ की जय जय कार
माँ हर इक मन में बस्ती है भगतो पे करे उपकार
है तीनो लोको में हो रही माँ की जय जय कार
हर रोज सुबह माँ के चरणों में सूर्ये देव परनाम करे
करने को माँ पूजा अर्चन चाँद सितारे धाम खड़े
है आठो पेहर लगे दर पे तेरे भगतो की कतार
वो किस्मत वाले होते है जो आते है दरबार
है तीनो लोको में हो रही माँ की जय जय कार
लाल चुनरिया कोई लाया मैया को सजाने को
भेट नारियल कोई लाया चरणों में चडाने को
करेगी मैया हर भगतो के सपनो को साकार
लगा रहे है सारे मिल कर मैया के जय कार
है तीनो लोको में हो रही माँ की जय जय कार
भरे है मटको ममता से दर्शन पाने मैया के
झूम झूम के नाच रहे है सभी दीवाने मैया के
है बाजे ढोल नगाड़े मेरी मैया के दरबार
है स्वगो से भी सुंदर लागे मन को अजीत के
मेरी मैया का दरबार
है तीनो लोको में हो रही माँ की जय जय कार