बोल रे सुबह सुबह मीठी मीठी वाणी
लेले रे मुख से नाम राम का प्राणी
दो आखर का नाम यह कहते सुनते सुहाय
जिव्हा जब राम कहे दे कानों को सुनाय
निर्मल छवि राम की सदा नैनों में समाय
दृष्टि नैनों से पड़े और देख मन इतराय
पग लगाते जब जब भी राम धाम का फेरा
मिट जाते संताप दिलों के मिटता तम घनेरा
कर जपते हैं जब राम नाम की माला
तब ह्रदय जगती है भक्ति भाव की ज्वाला
राम नाम की धुन होती सदा कल्याणी
लेले रे मुख से नाम राम का प्राणी
बोल रे सुबह सुबह मीठी मीठी वाणी
बोल रे मुख से नाम राम का प्राणी
राजीव त्यागी 8285246134