भगत सब चलियो रे चलियो खाटू के दरबार
वाहा पर छाई हैफागन की मस्त बहार
भर पिचकारी श्याम धनि पर रंग बरसाएगे
फागुन की मस्ती में बाबा को नचाये गे
गालो पर लाली आई है भगतो में मस्ती छाई है
सुंदर सी ध्वजा बनाई है खाटू की टिकेट कटाई है
सतरंगी फूलो में बाबा श्याम सजायेगे
फागुन की मस्ती में बाबा को नचाये गे
बाबा के लगते जयकारे सब झूम झूम नाचे सारे भागो में जगे चंदा तारे
ये कर देते बारे न्यारे सभी देव घन दर्शन को धरती पर आयेगे
फागुन की मस्ती में बाबा को नचाये गे
तेरी मोर छड़ी जादूगारी सची है तेरी सरकारी
दुनिया का मालिक वनवारी
तू ही कृष्णा तू गिरधारी
गोरव के श्री श्याम संवारे भाग ज्गायेगे
फागुन की मस्ती में बाबा को नचाये गे