ना कोठी बंगले मांगू मैं बस इतना करदे काम मेरा,
तेरे धाम पै आना जाना लगा रह बस श्याम मेरा……….
हर ग्यारस नै श्याम धणी मनै खाटू आप बुलाए जा,
जो भी गलती होवै मेरे तै कान पकड़ धमकाए जा,
मैं कदे उलाहणा देऊ ना यो खड़ा गवाही गाम मेरा……..
सारी चिंता मिट जा सै मेरी खाटू नगरी आवण तै,
निर्मल काया हो जावै सै श्याम कुंड मैं नहावण तै,
गौता लाकै श्याम कुंड मैं कट जा रोग तमाम मेरा………..
इज्जत की रोटी मांगू और मांगना आवै ना,
कोए अतिथि मेरे घर तै भूखा प्यासा जावै ना,
धर्म कर्म मैं लगा रहुँ करदे ऐसा इंतजाम मेरा……….
तेरा मेरा प्यार बना रह धन का के फूकूंगा,
मैं हरियाणे का माणस सु ना कहने तै चूकूंगा,
शहर भिवाणी रहया करू और भीम सैन सै नाम मेरा………..