निर्मोही नन्दलाल घणो तरसावे मतना
पुराणी यारी हे रे सांवरा भुलावे मतना
निर्मोही नन्दलाल घणो.....
मूलक मूलक के दूर दूर से,नित की जिव जलावे,
एक बार तो निडे सी आकर,क्यू न बैन बजावे
मेरे कालजे में आग लगावे मतना
निर्मोही नन्दलाल घणो..........
नैना बरसे बिजली गरजे,तू भी सुध बिसराइ,
बैरन नींद बड़ेरी राता,किया होव समाई,
कन्हैया छीजे काया जिव ने दुखावे मतना
निर्मोही नन्दलाल घणो.............
दुनिया हांसे नित की महासे,चाले आड़ी आड़ी,
तू ही छिटक देवेगो तो चले नहीं म्हारी गाड़ी
मोटो सेठिया तू रोल मचावे मतना
निर्मोही नन्दलाल घणो.............
दुःख हर्ता तू पालन करता सचो श्याम बिहारी,
काशी राम चरण को चेरो,अरज करे गिरधारी
थारो बालकियो हु,प्रीतड़ी घटावे मतना
निर्मोही नन्दलाल घणो.............