केसरिया पगड़ी सर पर नारंगी फेंटो जी,नारंगी फेंटो जी
हाथा में मोरछड़ी ले,संकट थे मेटो जी संकट थे मेटो जी
पचरंगो बागो सोहे,भक्ता के मन को मोहे
सेवक दीवाना थारे नाम का,बाबा कलियुग में डंका बाजे श्याम का
कलियुग का थे देव अवतारी, नीले घोड़े की असवारी
सेवक दीवाना थारे नाम का ओ बाबा सेवक दीवाना थारे नाम का
कार्तिक ग्यारस ने मेलो लागे हे भारी जी
दुल्हन सी लागे सजके नगरी या थारी जी
थारो जन्मदिन आवे,सेवकियो नाचे गावे
अजब नजारा खाटू धाम का
पचरंगो बागो सोहे.....
जद जद फागणियो आवे,सेवक हरसावे जी
लेके नीसाण बाबा नगरी में आवे जी
रंग गुलाल उड़ावे,रोमी भी चंग बजावे
बनके दीवाना श्याम का
पचरंगो बागो सोहे........