मेरे मनमोहन दिलदार छबीले बांके कान्हा यार
दीवाना बना दिया प्यारे दीवाना बना दिया,
मधुर मधुर बाजे तेरी मुरलिया,
गायल कर गी तिरशी नजरिया,
मेरा ले गयो चित निकाल,
सांवरिया तुजसे हो गया प्यार,
दीवाना बना दिया .....
कुंज गली में शम शम ढोले,
मीठा मधुर तोतला बोले,
तेरी पायल की झंकार सांवरिया कर गई दिल में गाव
दीवाना बना दिया .....
एसी बनी माधुरी मूरत,
मन में बस गी संवारी सूरत,
मोहे ले गयो भव से पार,
मन में बस गये कृष्ण मुरा,
दीवाना बना दिया ......
कैसे तेरे में वारी वारी जाऊ,
मन बसिया के में दर्शन पाउ,
तोहे निरखु में बारम बार तुम हो रुक्मण के ब्र्तार,
दीवाना बना दिया .....