मैनु मान है तेरी किरपा दा मेरा मान नी मानी ना तोड़ी ना,
मेरा मान नी मानी ना तोड़ी ना,
मै ता आन दिगी दर तेरे ते मेनू सतगुरु खाली मोड़ी ना,
तेरे दर अलख जगाया नही तेरी चरणी शीश झुकाया मै,
साड़ी वंदना है लख करोड़ी माँ मेनू सतगुरु खाली मोड़ी ना,
मैनु मान है तेरी किरपा दा.........
तेरी धुली मस्तक लावा मे तेरा लख लख शुकर मनवा में,
बड़े भाग जो दर्शन पाया में हर चीज किसे तो लोढ़ी ना,
मैनु मान है तेरी किरपा दा......
तेरे शोभा अजब निराली है कोई वी ना जांदा खाली है,
आवे रोंदा ते जांदा हसदा है चरना तो आप विछोड़ी ना,
मैनु मान है तेरी किरपा दा......