हर घडी हर पल तेरा साथ चाहिये,
दिन हो या रात मुलाक़ात चाहिये,
तू, सागर हो साथी तोफिर क्या बात है,
हो जाती सारी पूरी मन की मुराद है,
मन को मन मनमोहन का साथ चाहिये,
दिन हो या रात मुलाक़ात चाहिये,
मन मोहन हो साथ खुशियां सौगात है,
दूल्हे के पीछे ही सारी बारात है,
बाराती को दूल्हे का साथ चाहिये,
दिन हो या रात मुलाक़ात चाहिये,
मिला है मुझको साथ तेरा जो हाथ है,
आज मेरी ख़ुशी का यही तो राज है,
प्रीतम को साथ हम राज चाहिये,
दिन हो या रात मुलाक़ात चाहिये,