इतनी अर्जी है मेरी माँ कर लेना स्वीकार,
जितनी बार जनम लूँ तेरा ही पाऊँ दरबार,
यही है मेरी अर्जी बाकी है तेरी मर्जी,
इतनी अर्जी है मेरी माँ कर लेना स्वीकार,
जितनी बार जनम लूँ तेरा ही पाऊँ दरबार
यही है मेरी अर्जी बाकी है तेरी मर्जी
कितनी किस्मत वाला हूँ पाई है चौखट तेरी,
तुमने की मंज़ूर मैया जी हर एक अर्जी मेरी,
इक अर्जी बाकी है बोलता हूँ मैं बारम्बार,
जितनी बार जनम लूँ तेरा ही पाऊँ दरबार।
यही है मेरी अर्जी बाकी है तेरी मर्जी।
यही है मेरी अर्जी तेरे होते फ़िक्र कोई भी,
मुझे नहीं है दाती मेरे जीवन की कश्ती को,
तू ही मैया चलाती इतना है विश्वास मुझे,
कर देगी भव से पार जितनी बार जनम लूँ,
तेरा ही पाऊँ दरबार यही है मेरी अर्जी,
बाकी है तेरी मर्जी यही है मेरी अर्जी,
और क्या माँगू तुमसे मैया तुमने कितना दिया,
कहने से पहले ही शर्मा का हर काम किया है,
इतना दिया है, और जरा सा कर दो ये उपकार,
जितनी बार जनम लूँ तेरा ही पाऊँ दरबार,
यही है मेरी अर्जी बाकी है तेरी मर्जी,
यही है मेरी अर्जी