रूत गई मैया मेरी जाने किस बात से,
पिगले न आंसुओं की बरसात से,
सही न जाएगी ओ माँ मुझसे नाराज़गी तेरी,
देदे थोड़ी ममता मुझे या तू लेले ज़िंदगी मेरी,
जाऊ गा बात मैं कहा दर तेरा छोड़ के,
बार बार लाएगा नसीबा यही मोड़ के,
ताने मुझे मारे गा यहां हसी सभी उड़ाएगे माँ मेरी,
देदे थोड़ी ममता मुझे .......
तेरा मेरा मेरा तेरा रिश्ता है खास माँ,
रहना है हमेशा तेरे चरणों के पास माँ,
रब जनता की है माँ की है मैंने बस बंदगी तेरी,
देदे थोड़ी ममता मुझे ......
हु मैं तेरे हाथो में करड़ो का लाख का,
गिर रहा तेरे हाथो से तो ढेर हु मैं राख का,
कहना है जो मैंने कह दिया होगा वो जो खुशिया है तेरी,
देदे थोड़ी ममता मुझे