मेरी ज्योतां वाली माँ

धुन- रामायण चौपाई

( माँ,,, जय माँ, मेरी शेराँवाली माँ,
माँ,,, प्यारी माँ, मेरी ज्योतां वाली माँ )
हो,, बीच गुफ़ा के, भवन तुम्हारा,
चरणों में बहती, गंगा की धारा l
हो,, जो करती है, सिंह सवारी,
उसकी छवि है, सबसे प्यारी l

माथे मुकट ग़ल, मोती की माला,
"अष्ट भुजा का, रूप निराला" l
हाथों में मेहँदी, पांवों में पायल,
"मन को लुभाए, माँ तेरा आंचल" l

हो,, जो भी आए,  हाथ पसारे,
भर्ती है सब के, मात भंडारे l
हो,, जिसका नाम है, वैष्णों मईया,
पार उतारे, सब की नईया l

सब करते हैं, जिसकी पूजा,
"उसके जैसा, कोई ना दूजा" l
जय जय जय माँ, वैष्णों रानी,
"तेरी महिमा, ना जाए बखानी" l

माँ,,, जय माँ, मेरी शेराँवाली माँ,
माँ,,, प्यारी माँ, मेरी ज्योतां वाली माँ l
माँ,,, जय माँ, मेरी लाटां वाली माँ,
माँ,,, प्यारी माँ, मेरी मेहराँ वाली माँ l
माँ,,, जय माँ, मेरी भवनाँ वाली माँ,
माँ,,, प्यारी माँ, मेरी मन्दिराँ वाली माँ l
शेराँवाली वाली माता तेरी सदा ही जय
सच्चियाँ ज्योतां वाली माता तेरी सदा ही जय
लाटां वाली माता तेरी सदा ही जय
मेहराँ वाली माता तेरी सदा ही जय
भवनाँ वाली माता तेरी सदा ही जय
मन्दिराँ वाली माता, तेरी सदा ही जय

ओ मेरी, शेराँवाली माँ l
ओ मेरी, ज्योतां वाली l
ओ मेरी, लाटां वाली माँ l
ओ मेरी, मेहराँ वाली माँ l
ओ मेरी, भवनाँ वाली माँ l
ओ मेरी, मन्दिराँ वाली माँ l

अपलोडर- अनिलरामूर्तिभोपाल
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