हे श्याम मुझे बता दो चरणों में कैसे आऊं,
माया के बंधनों से अब मुक्ति कैसे पाऊँ,
हे श्याम मुझे बता दो चरणों में कैसे आऊं
ना जानूं कोई पूजन अज्ञान हूँ मैं भगवन,
करना कृपा दयालु बंधन से छूट जाऊं,
हे श्याम मुझे बता दो चरणों में कैसे आऊं
मैं हूँ पतित स्वामी तुम हो पतित पावन,
अवगुण भरा हृदय में इसे कैसे मैं दिखाऊं,
हे श्याम मुझे बता दो चरणों में कैसे आऊं
अच्छा हूँ या बुरा हूँ जैसा भी हूँ तुम्हारा,
ठुकराओ ना मुझे अब चरणों में सर झुकाऊँ,
हे श्याम मुझे बता दो चरणों में कैसे आऊं