श्याम की पूजा करते हो तो,
अहम कभी ना करना,
मेरा बाबा रूठ जाता है,
बाबा का दरबार है साँचा,
वहम कभी ना करना,
मेरा बाबा रूठ जाता है।
सांवरिया की अजब कहानी दीनों में बसते हैं,
जो अभिमान है करता उस पर बाबाजी हँसते हैं,
प्रेम ही पूजा सांवरिया की झूठा प्रेम ना करना,
मेरा बाबा रूठ जाता है।
दिल जो दुखाया किसी का तुमने चोट श्याम के लगती,
रूठ जाए जो बाबा तो मिट जाए तुम्हारी हस्ती,
झूठी हस्ती के मद में तुम दिल ना किसी का दुखाना,
मेरा बाबा रूठ जाता है।
श्याम की माला फेरो चाहे श्याम कभी ना मिलते,
जिस माला में प्रेम न हो वहां श्याम कभी ना बसते,
कहे कुमार झूठी माला के चक्कर में ना फंसना,
मेरा बाबा रूठ जाता है।