दीवाना मुझको किया साँवरे ने,
जमाने में मेरी दवा ना मिलेगी,
ये दर श्याम का ही है मेरा ठिकाना,
मुझसे इससे बेहतर जगह ना मिलेगी,
दीवाना मुझको किया साँवरे ने
उसी के रंग में रंगा हूँ मैं जबसे,
उसी की लगन में मैं खोया हुआ हूँ,
मेरे साथ अब तो मेरा साँवरा है,
कमी जिंदगी में कोई ना खलेगी,
दीवाना मुझको किया साँवरे ने
मेरा मुझमें क्या है ये सब कुछ उसी का,
मुझे जो मिला है उसी से मिला है,
मुझे गर भुलाया मेरे साँवरे ने,
के जग में कहीं भी पनाह ना मिलेगी,
दीवाना मुझको किया साँवरे ने
उसी के ही हाथों में ये है डोर मेरी,
कोई दूसरा मेरा साथी नहीं है,
मेरा सच्चा मांझी मेरा साँवरा है,
के ये नांव मेरी उसी से चलेगी,
दीवाना मुझको किया साँवरे ने