लूट गए मर गए,
श्याम की अदाओं पे,
काले काले नैनों की निगाहों पे,
जादू गर गई तिरछी नजर,
गई मेरे दिल में सीधी उतर,
हो गया दिल पे ऐसा असर,
मुझको रही ना कुछ भी खबर,
अटका दिल मेरा,
जुल्फों की लटाओं में,
काले काले नैनों की निगाहों में,
छोड़ दिए मैंने रश्मो रिवाज़,
भूल गई घूंघट की लाज,
श्याम की मस्ती मुझ पे चढ़ी,
मैं तो खाटू नगरी चली,
जीवन बिताऊँ सारा,
अब तो उसकी राहों में,
काले काले नैनों की निगाहों में
देखा जबसे इसका नूर,
दुःख हो गए सब चकना चूर,
कहता अनाड़ी बात सही,
मेरे दिल को जचा यही,
अबतो मैं मांगती इसको दुआओं में,
काले काले नैनों की निगाहों में