श्याम की सरन आजा,श्याम ही सम्हालेगा
तेरी सारी विपदा का,हल वो ही निकलेगा
श्याम की सरन आजा.......
दुःख की घडी तो वन्दे,आती चली जाती हे
किस्मत वालो को मिले,बाबा जैसा साथी हे
ये ही तेरी दुनिया में,शान को बढ़ाएगा
श्याम की सरन आजा.......
ज्यादा चिंता फ़िक्र तो,करना फिजूल हे
होगा वही वन्दे जो भी,श्याम को कबूल हे
बुझती हुई ज्योति को,बाबा ही जगायेगा
श्याम की सरन आजा.......
बाबा की सरन जो भी,रोते रोते आता हे
चरणों में आंसुओ की,धार को चढ़ाता हे
श्याम भी उठके उसे,गोद में बिठायेगा
श्याम की सरन आजा.......
करले भरोसा वन्दे,ऐसे दरबार में
काम खूब आता हे ये,तेरी दरकार में
पहाड़ो सी विपदा को,राइ ये बनाएगा
श्याम की सरन आजा.......