जबलपुर में काली विराजी हैं

तेरे दीदार को मैया , तरसे मोरी अंखियां
दे दर्शन इस लाल को , जो आऊं तोरि दुअरिया

अरे भगतन खो दर्शन देबे ले लाने,
गढ़ा फाटक में देवी दिखानी है
जबलपुर में काली विराजी हैं

अरे रोगी खों काया,
निर्धन खो माया देती मात भवानी है
जबलपुर में काली विराजी है

अरे दानव दलन करे,
दुष्टों खों मारे, ऐसी मां कल्याणी है
जबलपुर में काली विराजी हैं

अरे तू ही शारदा तू ही भवानी, तू जग की रखवाली है
जबलपुर में काली विराजी है

अरे हाथ जोर सब अर्जी लगावें,
द्वारे पे सब नर नारी हैं
जबलपुर में काली विराजी हैं

गायक /लिरिक्स - उदय लकी सोनी
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