मेरी मैया झंडे वाली ने कमाल कर दियां,
इक बांज की गोदी में माँ ने लाल भर दियां,
कहते थे दुनिया वाले है बांज ये तो नारी,
लोगो के ताने सुनती दुखिया ये गम की मारी,
मियां ने उस पे ऐसा उपकार कर दिया,
इक बांज की गोदी में माँ ने लाल भर दियां,
नवरातो में व्रत माँ के नाम का किया था,
भूखी प्यासी रहके माँ को याद फिर किया था,
सुनली मैया ने उसकी ऐसा प्यार भर दियां,
इक बांज की गोदी में माँ ने लाल भर दियां,
जिस घर में जगती है मैया के नाम की ज्योति,
खुशियों के आठों पहर वह वरस ते है मोती,
दादी ने चहल वेडा सबका पार कर दियां,
इक बांज की गोदी में माँ ने लाल भर दियां,