सोया नसीबा श्याम प्रभु ने मेरा जगाया है,
इसी लिए बाबा ने मुझे खाटू में बुलाया है……..
श्याम से नजरे मिला कर कुछ न केह पाया,
बिन कहे सब जान ले श्याम की माया ,
इस मतलब की दुनिया में मेरे काम कोई न आया,
जो साथ निभाये सब का बिठा खाटू में पाया,
नीली छतरी वाला करता सब पे छाया है,
इसी लिए बाबा ने मुझे खाटू में बुलाया है………
हार के जो भी शरण में तेरी आया है शरणागत को श्याम प्रभु ने गले लगाया है,
जब जब मैं आँखे खुलू तेरा ही दर्शन पाऊ,
तेरी चोकठ पे ही दम निकले बस इतना ही वर चाहू,
क्या मांगू बिन मांगे तुम से सब कुछ पाया है,
इसी लिए बाबा ने मुझे खाटू में बुलाया है…………
खुशियों से मन आज फुला ना समाया है,
चरणों का चाकर प्रभु तूने मुझे बनाया है,
राणा जी सतवीर खन्ना पे मेहर नजर की करदे,
ना दर दर दोनों बटके तू हाथ अगर सिर धरदे,
जो भी आया श्याम शरण में पार लगाया है,
इसी लिए बाबा ने मुझे खाटू में बुलाया है…