श्याम प्रभु की किरपा जिसपे बरसती है ,
उसके घर में सुख की गंगा बहती है,
पुछलो चाहे जाके इसके भक्तो से,
मैं नहीं कहता सारी दुनिया कहती है,
श्याम प्रभु की किरपा जिसपे बरसती है
प्यार का सागर है ये करुणा की मूरत है,
साथ है बाबा तो फिर किसकी जरुरत है,
मूरत इसकी जिसके दिल में रहती है,
उसके घर में सुख की गंगा बहती है,
श्याम प्रभु की किरपा जिसपे बरसती है
बाबा के चरणों में तीरथ धाम है सारे,
है यही पर स्वर्ग आके देखले प्यारे,
जिसकी आंखे इसके चरण को धोती है,
उसके घर में सुख की गंगा बहती है,
श्याम प्रभु की किरपा जिसपे बरसती है
प्रेम से जिसने भी बाबा को पुकारा है,
श्याम ने आकर दिया उसको सहारा है,
श्याम प्रभु की माला का जो मोती है,
उसके घर में सुख की गंगा बहती है,
श्याम प्रभु की किरपा जिसपे बरसती है