भगवती के चरण का तू दर्शन करे
अपने सारे दुखो का समापन करे
माँ अमीरों की है तो गरीबो की भी दान वीरो की है तो फकीरों जी भी
इसके दर पे जो आये वो वन्धन करे
अपने सारे दुखो का समापन करे
ये माँ मेंहलो में है तो झोपड़ में भी
गाओ शेहरो में है तो ये पीहर में भी
माँ तो है हर जगह बस तू सुमिरन करे
अपने सारे दुखो का समापन करे
भोग माँ को लगा लो बड़े भाव से
चाहे रुखा हो खा लेगी ये चाव से
इसकी सेवा में जो भी ये जीवन करे
अपने सारे दुखो का समापन करे