मां जोवा थारी बाट कहो जी अंबे,
आस टूटण लागी मां,
कि कद तक जोवां थारी बाट,
कहो कीनियाणी मां,
रिपु घन घनन घनन घण गाजै,
आंसुं देख अव्वल गती आजै,
साय करण मत देर लगाजै,
तरणी म्हारी भुजलंब तिराजै,
अब आस टूटण लागी मां,
कहो जी अंबा,
आस टूटण लागी मां ,
कि कद तक जोवां थारी बाट ,
कहो कीनियाणी मां....
जमपुर जाकर लाल ले आई,
झट महिषासुर मार भगाई,
साय करण शेखै के धाई,
झगड़ू री तरणी तिरवाई,
बिड़द मत भूलो मां,
कहो जी अंबे,
बिड़द थारो लाजै मां,
कि कद तक जोवां थारी बाट,
कहो कीनियाणी मां.....
आवड़ री थानैं आण मेहाई,
हर संकट दिखला प्रभुताई,
प्रांजल रै मां रहिज्यो सहाई,
देवराज नत होकर ध्याई,
अब तो आ ज्याओ मां,
कहो जी अंबे,
अब तो आ ज्याओ मां,
कि कद तक जोवां थारी बाट,
कहो कीनियाणी मां,