हे माँ जगदम्बे भवानी विनती करू मैं बारम बार
मेरे घर आँगन में खुशियों की माँ भर दे तू भण्डार
हे माँ हे माँ हे माँ ....
बड़ी ही दयालु मैया दया बरसाती हो करुना की खाल माँ तू ममता लुटाती हो,
जग जननी जय जय माँ तेरी महिमा अपरम्पार
मेरे घर आँगन में खुशियों की माँ भर दे तू भण्डार
हे माँ हे माँ हे माँ ....
रोग शोक संकट माँ का पल में मिटाती हो
हर घर में माँ तू ही खुशहाली लाती हो
हर को दूर भगाती माँ तू भव से करती पार
मेरे घर आँगन में खुशियों की माँ भर दे तू भण्डार
हे माँ हे माँ हे माँ ....
कितनो का माँ तूने मेहल तन्वाया है
निर्धन को पल में धन वान बनाया है
जिस पे किरपा हुई तेरी उसकी भी जय जय कार
मेरे घर आँगन में खुशियों की माँ भर दे तू भण्डार
हे माँ हे माँ हे माँ ....