काली गेल मशानी चाली

काली गेल मसाणी चाली खा के मीठा पान!
छोड़ दिए शमशान रात नै, छोड़ दिए शमशान!

चाली घूँट खून की भरके,
बैरी की छाती पाँ धरके,-2
अपने भगत के मोह में घिरके, पेड़े लागी खाण,
छोड़ दिए शमशान रात नै, छोड़ दिए शमशान!

किलकी मारै काली माई,
संकट तोड़ रह्या अंगडाई -2
आठम की तेरी करी कढ़ाई, लागी भोग लगाण,
छोड़ दिए शमशान रात नै छोड़ दिए शमशान!

घोर गात मह चढ़ण लागगी,
बैरी गेल्याँ लडण लागगी,-2
पेशी हट हट पडन लागगी, लिकडन लागी ज्यान
छोड़ दिए शमशान रात नै छोड़ दिए शमशान!

नीलम भगतनी तन्नै बुलावै,
माँ काली नै खूब खिलावै -2
मुकेश शर्मा उरलानिया, अशोक भगत की मान,
छोड़ दिए शमशान रात नै छोड़ दिए शमशान!

प्रेषक:
सिंगर सुनील धनुवंशी 98123-01662
हिसार हरियाणा -125001

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