मैया के भवन से आई है हमे चिठियाँ,
जाना है जरूर मिले या ना मिले छुटिया,
नन्हे नन्हे छोटे छोटे बालक हम नादान
जाये गे दरबार मैया के पाने ये वरदान,
ढत कर करे पढाई ओ अच्छे नुमबरो से पास,
जा छुए आकाश लिखे एक नया इतहास,
बुरी आदतों से सदा के लिए कुटिया,
मैया के भवन से आई है ......
हमसे कोई भक्त सिंह लाल बहादुर होगा,
वीर शिवा जी और कोई झुझार जोरावर होगा,
गाडी म्हणत से खेत खलियान भरे गे अन से,
सरहद की रखवाली करेगे हिमत से तन मन से,
दुश्मनों की चलने ना देंगे पोल्पतियां,
मैया के भवन से आई है
हे शक्ति माँ से मांगेगे कमजोर कभी न मन हो,
काम सभी के आये हम पर हित ही सरल जीवन हो,
प्रेम त्याग भाई चारे का संदेसा फेलाए ध्वजा श्याम की फेलाया, नफरत दूर भगाए,
लाख की बाते लगे है बड़ी मिठिया,
मैया के भवन से आई है