श्याम की पूजा श्याम की सेवा दोनों से बड कर काम ना दूजा
अजमाया है फिर ये गाया है मैंने तो सब कुछ श्याम से पाया है
तेरे भरोसे कश्ती मेरी तुझसे बनी है हस्ती मेरी
तेरे भजन में है भगती मेरी
तू है तो मैं हु ये सब से कहू
हर पल करता शुकराना ना कोई दूसरी मन्नत होगी
तेरी पूजा तेरी सेवा प्रबु तब तक होगी
मेरी सांसे प्रभु जब तक होगी
तेरी पूजा तेरी सेवा प्रबु तब तक होगी
तेरी गली में जो जाता नही
तू क्या है समज में आता नही बनता हमारा नाता नही
अब आया समज तू है कितना सेहज मैंने खाटू जा जाना
तेरी गलियों में मेरी जन्नत होगी
तेरी पूजा तेरी सेवा प्रबु तब तक होगी
जब से जुडा हु साथ तेरे सिर पे है तेरा हाथ मेरे
रात और दिन किरपा बरसे तब तूम ही प्रभु नाथ मेरे
खाटू में जाते जाने मुझे क्या दिया है श्याम कहे पल में तूने अपना लिया है
तुझे पा के मेरे बाबा धन्य हुआ ये जीवन सेवा करू तेरी हर दम गाता रहू भजन
पल पल मेरे बाबा
ना ही किसी से वैर रहे ना किसी से टकरार रहे
लव पे सदा तेरा नाम रहे हर दिल से मैं प्यार करू
तेरा होता रहू जब तक मैं जीयु
प्रभु मुझको भी प्रेम सिखा दीजिये
ओ मेरे सँवारे मेरी जिन्दगी को ऐसे सजा दीजिये
बहाना नित ढूंडू मैं मिलने का तुमसे,
इक दिन तो बाबा आना ही होगा मिलने को मुझसे