भक्तों के मन को भा गया,
मुखड़ा ये बाबा श्याम का,
दिल्ली धाम में सज धजके बैठा,
भक्तों का सांवरा,
हर दिन लगा है मेला सा,
दिल्ली के धाम पे,
यहाँ आनके है बस गये,
खाटू के सांवरे,
झाली फैलाके मांगले,
झोली भर देगा सांवरा,
दिल्ली धाम में सज धज के बैठा,
भक्तों का सांवरा.....
सपने में आके बोले श्याम,
घनश्याम दास को,
आदेश दिया श्याम ने,
सपने में रात को,
के मन्दिर बनादे दिल्ली में,
तू श्याम नाम का,
दिल्ली धाम में सजधज के बैठा,
भक्तों का सांवरा.....
आसान हो गये दर्शन,
भक्तों को श्याम के,
खाली ना जाये अब कोई,
इस दिल्ली धाम से,
अर्जी पे संजय की बाबा,
अब गौर कर जरा,
दिल्ली धाम में सजधज के बैठा,
भक्तों का सांवरा.....