खाटू मे बैठ सांवरे दुनिया चला रहे हो,
रस्ते के पथरो को तुम हीरा बना रहे हो,
खाटू मे बैठ सांवरे दुनिया चला रहे
हाथो में न लकीरे मेरे ना कुछ ललाटे,
तेरी दया से जी रहा बाबा मैं ठाठ से,
कैसे करू मैं शुकरियाँ इतना लुटा रहे हो,
खाटू मे बैठ सांवरे दुनिया चला रहे,
बांका न बाल कर सके आंधी हो या तूफ़ान,
मैंने जो रख दियां आप के चरणों में अपनी जान,
क्या अच्छा क्या बुरा प्रभु हर पल सीखा रहे हो,
खाटू मे बैठ सांवरे दुनिया चला रहे
कुछ ऐसा करदो सँवारे छूटे न तेरा हाथ,
अब हर जन्म ललित मिले बाबा तुम्हारा साथ,
मिलो को दुनिया प्रभु पल पल मिटा रहे हो,
खाटू मे बैठ सांवरे दुनिया चला रहे