भूखे हैं तेरे प्यार के हमें भी दीदार दे,
साँवरे रंग रसिया मोहन मेरे मन बसिया
मेरे दिल में बसी तेरी तस्वीर है,
मेरी आँखों से सदा ही बहते नीर हैं,
की थक गए पुकार के हमें भी दीदार दे,
साँवरे रंग रसिया मोहन मेरे मन बसिया
कहेगी क्या दुनियाँ हमें परवाह नहीं,
हमें तेरे सिवा किसी की चाह नहीं,
क्यों बैठे हो बिसार के हमें भी दीदार दे,
साँवरे रंग रसिया मोहन मेरे मन बसिया
हमने इस जीवन की सौंपी तुम्हे डोर है,
तुम्हारे बिन मोहन मेरा ना कोई और है,
हम आए सब हार के हमें भी दीदार दे,
साँवरे रंग रसिया मोहन मेरे मन बसिया
चित्र विचित्र का प्रेम कन्हैया निभा लेना,
अपने दीवानों में हमें भी मिला लेना,
खड़े है तेरे द्वार पे हमें भी दीदार दे,
साँवरे रंग रसिया मोहन मेरे मन बसिया